जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद जवान औरंगजेब के दो भाई भी सेना में शामिल हो चुके हैं। बेटों को सेना में शामिल होने के दौरान शहीद के पिता मोहम्मद हनीफ ने कहा था कि उन्होंने अपने एक बेटे की शहादत का बदला लेने के लिए दो बेटों को सेना में भेजा है।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के 575 परिवारों में आज खुशी का माहौल है। इन परिवारों से 575 बेटे पासिंग आउट परेड के दौरान लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंटल सेंटर में शामिल हुए। जम्मू और कश्मीर में हथियार उठा रहे लोगों को वहां के इन नौजवानों ने करारा जवाब दिया है। ये सभी 575 जवान शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड के बाद जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में शामिल होकर भारतीय सेना का हिस्सा बन गए।
जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में शामिल होने के बाद वसीम अहमद मीर ने कहा कि ‘मैं बहुत खुश हूं, मेरे माता-पिता गर्व महसूस कर रहे हैं। हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से सेना में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मेरे पिता भी सेना में थे, उनकी वर्दी ने मुझे सुरक्षाबल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।’
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद जवान औरंगजेब के दो भाई भी सेना में शामिल हो चुके हैं। बेटों को सेना में शामिल होने के दौरान शहीद के पिता मोहम्मद हनीफ ने कहा था कि उन्होंने अपने एक बेटे की शहादत का बदला लेने के लिए दो बेटों को सेना में भेजा है। ऐसे में पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए की कश्मीर के नौजवान भारत के साथ हैं ना कि भारत के विरुद्ध।
सीमावर्ती जिला पुंछ के तहसील सलोनी निवासी सेना के शहीद जवान औरंगजेब के दोनों भाई मार्च माह में पुंछ के सुरनकोट में आयोजित भर्ती रैली में शामिल हुए थे। इसमें 11,000 से ज्यादा उम्मीदवार थे लेकिन केवल 101 का चयन किया गया। इन्हीं में यह दो नौजवान भी शामिल हैं।